22 September, 2011

अमेरिका भी मोदी का मुरीद

Swatantra Vaartha Thu, 22 Sep 2011, IST

अमेरिका भी अब गुजरात के मुख्यमंत्री नरेन्द्र मोदी का मुरीद बन गया है। लगभग छह साल पहले मोदी को वीजा देने से इंकार करने वाले अमेरिका ने आज मोदी को भारत का सबसे बेहतर प्रशासक बताया है। अमेरिकी संसद की एक शोध संस्था ‘कांग्रेसनल रिसर्च सर्विस’ की ताजा रिपोर्ट के अनुसार भारत में विकास और अच्छे प्रशासन का सबसे अच्छा उदाहरण गुजरात राज्य है। जहां के विवादास्पद मुख्यमंत्री नरेन्द्र मोदी ने राज्य के आर्थिक विकास को नई गति दी है। मोदी ने प्रशासन में व्याप्त भ्रष्टाचार और लालफीताशाही से निपटने के लिए क़डे कदम उठाये हैं। उनके नेतृत्व में गुजरात देश के आर्थिक विकास में अहम भूमिका निभा रहा है। लेकिन मोदी की तारीफ करने वाली यह रिपार्ट कांग्रेस को रास नहीं आ रही है। बहरहाल कांग्रेस माने न माने दुनिया अब मोदी की तारीफ कर रही है। गुजरात में ब़ढते पूंजी निवेश से भी इसकी पुष्टि होती है। 

नरेन्द्र मोदी ने राज्य के विकास का जो एजेंडा बनाया है और उसे वह जिस कौशल एवं ईमानदारी के साथ लागू कर रहे हैं, उसकी तारीफ आज दुनिया भर के देश कर रहे हैं। वाइब्रेंट गुजरात समिट में भारतअमेरिका व्यापार परिषद के अध्यक्ष रान सोमर्स ने पहले ही कहा था कि अगली समिट में वह अमेरिका को भी एक साझीदार के रूप में देखना चाहते हैं। जापान और कनाडा इस समिट में सहभागी थे। गुजरात ग्लोबल निवेश सम्मेलन २०११ में जिस तरह दुनिया के उद्योगपतियों ने गुजरात में निवेश करने की इच्छा जताई उससे ऐसा लगता है कि नरेन्द्र मोदी किसी ब़डी कम्पनी के सीईओ हैं, जिसने गुजरात सरकार और दुनिया की ब़डीछोटी बहुराष्ट्रीय कम्पनियों के बीच ७, ९३६ सहमति पत्रों पर हस्ताक्षर कराये हैं। यह सहमति पत्र २०,८३,००० कऱोड रुपये के हैं। मुख्यमंत्री नरेन्द्र मोदी की कार्यप्रणाली अन्य दिवालिया हो रहे राज्यों के लिए एक मिसाल है कि किस तरह से राज्य के विकास की आर्थिक गतिविधियां संचालित की जाएं, जिससे राज्य के विकास के साथसाथ लोगों को रोजी रोजगार भी मिले और जनता पर भी टैक्सों का बोझ नहीं ब़ढे ।

गुजरात देश का ऐसा राज्य है, जिसने पिछले दस साल के दौरान बिजली की दरें नहीं ब़ढायी हैं। इतना ही नहीं बिजली की दरों को ब़ढाये बिना राज्य के बिजली बोर्ड के दो हजार कऱोड रुपये के घाटे को ५०० कऱोड रुपये के लाभ में ला दिया है । यह सब मोदी के सुशासन का नतीजा है। उन्होंने बिजली की चोरी और भ्रष्टाचार पर रोक लगाकर बिजली बोर्ड को लाभ में पहुंचाया है । उनका यह काम अन्य राज्यों के लिए भी उदाहरण है, जो हर साल बिजली की दरें ब़ढाकर भी बिजली बोर्ड के घाटे को पूरा नहीं कर पा रहे हैं। संयुक्त राष्ट्र संघ ने भी सुशासन के लिए गुजरात के मुख्यमंत्री को सम्मानित किया है। इस सम्मान से एक बार फिर इस बात की ही पुष्टि हुई है कि मोदी का किसी से कोई मुकाबला नहीं है। उन्होंने देश के अन्य राज्यों को नयी राह दिखायी है। वह वीडियाेे कांफ्रेसिंग के जरिए जनता की शिकायतें सीधे सुनते हैं और उसके समाधान के लिए राज्य की नोडल एजेंसी को निर्देश देते हैं । सभी विभागों को मिलाकर इस नोडल एजेंसी का गठन मोदी ने खुद किया है। अपनी कुशल कार्यशैली के लिए पहचाने जाने वाले नरेन्द्र मोदी ने गुजरात को देश के एक अग्रणी राज्य के रूप में स्थापित किया है। लगातार दो अंकों की आर्थिक विकास दर अर्जित करते हुए यह देश की उन्नति का अगुआ राज्य है।

भारत के निर्माण क्षेत्र की उत्पादकता में गुजरात का महत्वपूर्ण योगदान है। आर्थिक और सामाजिक विकास जैसे क्षेत्र में राज्य ने प्रभावशाली प्रगति की है। मुख्यमंत्री नरेन्द्र मोदी के अनुसार‘गुजरात भारत के विकास का इंजन है। गुजरात में लौह अयस्क की खदानें नहीं हैं। इस राज्य में हीरा खदानें भी नहीं हैं, लेकिन वैश्विक हीरा कारोबार में इसकी ब़डी भागीदारी है। हमारे यहां पानी की कमी थी, लेकिन हमने जल क्रांति का सूत्रपात किया। गुजरात यह सब करने में सक्षम है, क्योंकि यह उद्यमियों की धरती हैं।’ 

नरेन्द्र मोदी के इस सम्मान से कांग्रेस और यूपीए की आंखें खुल जानी चाहिए। गुजरात की सरकार के खिलाफ कांग्रेस एक लम्बे अरसे से अभियान चला रही है। पर उसके तमाम प्रयासों के बाद भी नरेन्द्र मोदी के जनाधार में कोई कमी नहीं आयी है। गुजरात में हुए चुनावों में हर बार जनता ने मोदी के फैसलों पर ही मुहर लगायी है। जनता की अदालत में हारने के बाद भी कांग्रेस सबक सीखने को तैयार नहीं है। कुछ दिन चुप्पी साधने के बाद फिर वह मोदी के खिलाफ गोधरा के बाद हुए साम्प्रदायिक दंगें से ज़ुडा कोई न कोई मामला उठाने लगती है। लेकिन गुजरात की जनता पर उसका कोई असर नहीं होता है, क्योंकि गुजरात आज अमन चैन के साथ समृद्घि और विकास के पथ पर आगे ब़ढ रहा है। साम्प्रदायिक दंगों से इस प्रदेश को पहले से बहुत क्षति हो चुकी हैं।

कांग्रेस के शासन काल में भी इस प्रदेश ने कई साम्प्रदायिक दंगों की त्रासदी को झेला है। कांग्रेस उन पर लगाम लगाने में असफल रही हैं। लेकिन मोदी के शासनकाल में यदि गुजरात साम्प्रदायिक दंगों की त्रासदी से मुक्त है, तो कांग्रेस परेशान है। दंगे हमेशा हमारी सभ्यता और संस्कृति पर कलंक रहे हैं, लेकिन बारबार सुनियोजित ढंग से उनका विलाप गुजरात और इस देश के लिए दुर्भाग्य जनक ही कहा जायेगा। गुजरात के गोधरा कांड के बाद के साम्प्रदायिक दंगे में सीबीआई की अति सक्रियता और राजीव गांधी की हत्या के बाद दिल्ली में हुई साम्प्रदायिक हिंसा एवं कत्लेआम में उसकी अति उदासीनता भी समझ से परे है। इसीलिए गुजरात के मामले में कांग्रेस के राजनीतिक दुराग्रह की पोल अब खुल गयी हैऔर जनता अब इससे ऊब गयी पर यह कांग्रेस है कि वह मानती ही नहीं है। क्योंकि मोदी के खिलाफ उसके पास कोई दूसरा मुद्दा है ही नहीं। कांग्रेस गुजरात सरकार को अस्थिर करने की लगातार कोशिश करती रही है। कांग्रेस ने मोदी को ‘मौत का सौदागर’ बताया, लेकिन फिर भी विधानसभा के चुनाव में मोदी भारी बहुमत से जीते । 

गुजरात की इस ब़ढत के लिए मोदी ने दिन रात काम किया है। उन्होंने राज्य के विकास के लिए एक नोडल एजेंसी बनायी है और खुद उद्यमियों तथा जनता की समस्याआें का समाधान करते हैं। गुजरात के उद्यमियों का आत्मविश्वास को आगे ब़ढाने के लिए समूचे प्रदेश में बुनियादी ढांचे की स्थापना, व्यवसाय के लिए अनुकूल नीतियों का निर्धारण और सभी क्षेत्रों में निवेश को प्रोत्साहित करने की दिशा में राज्य सरकार ने सक्रिया प्रयास किया है। राज्य में बुनियादी ढांचे के निर्माण , नये उपक्रमों की शुरुआत को प्रोत्साहित करने वाली नीतियों के निर्धारण और मौजूदा उद्योगों के विकास के लिए गुजरात सरकार सदैव तत्पर रही है। सरकार ने वायब्रंट गुजरात इन्वेस्टर्स समिट्‌स के माध्यम से गुजरात में औद्योगिक निवेश को ब़ढावा देने की पहल की है। औद्योगिक विकास के लिए सरकार की ओर से ठोस पहल की गयी है। 

विशेष आर्थिक क्षेत्रों (एसईजेड) को लेकर राजस्व और भूमि अधिग्रहण संबंधी अपनी सफल नीतियों के कारण गुजरात एसईजेड विकास का मॉडल बन गया है। राज्य ने निजीसरकारी भागीदारी मॉडल को सफलतापूर्वक स्थापित और विकसित किया है। बंदरगाह क्षेत्र में गुजरात पहला राज्य है, जिसने निजी क्षेत्र के निवेश को प्रोत्साहित किया है। तेल और गैस खोज के मामले में यह एक सफल राज्य है और यहां पेट्रोलियम, केमिकल, एंड पेट्रोकेमिकल इन्वेस्टमेन्ट रीजन (पीसीपीआईआर) की स्थापना के साथसाथ यह भारत के पेट्रो हब के रूप में उभर रहा है। गुजरात के फलतेफूलते कप़डा उद्योग में भारत की कुछ सबसे ब़डी उत्पादन इकाइंया शामिल हैं। बदलते समय के साथ खुद को उन्नत करते हुए गुजरात की कप़डा मिलों ने राज्य को वस्त्र उत्पादन का केन्द्र और दुनिया के सबसे ब़डे डेनिम उत्पादन केन्द्रों में से एक बनाया है। भारत के कुल औषधि उत्पादन में गुजरात के १०० वर्ष पुराने औषधि उद्योग की ४० फीसदी हिस्सेदारी है। सूरत का हीरा प्रसंस्करण उद्योग दुनिया के ७० फीसदी हीरों की कटिंग और पालिश करता है। गुजरात नमक, स्पंज , आयरन, डाइज और केमिकल्स , सिरैमिक टाइल्स और सेनेटरीवेयर, दीवार घ़डयां , इंजीनियरिंग सामान , पीतल के कलपुर्जे , सोने के आभूषण और सीमेन्ट उत्पादन का प्रमुख केन्द्र है। एक ही स्थान पर स्थापित दुनिया की सबसे ब़डी तांबा गलाने वाली इकाई गुजरात में है। दुनिया का सबसे ब़डा लिग्नाइट आधारित सिंगल स्ट्रीम सीमेंट प्लांट गुजरात में है। पुराने जहाजों से स्क्रैप निकालने वाला दुनिया का सबसे ब़डा शिप ब्रेकिंग जोन गुजरात के भावनगर जिले के समुद्रतटीय क्षेत्र में है। सहकारित क्षेत्र में उपलब्धि के मामले में गुजरात विकासशील देशों में अग्रणी रहा है।

आणंद दुग्ध संघ लिमिटेड (अमूल) जिसने भारत की श्वेत क्रांति का सूत्रपात किया, सफल सहकारित पहल के दुनिया के श्रेष्ठ उदाहरणों में से एक है । गुजरात इसबगोल , सौंफ और अरंडी का सबसे ब़डा उत्पादक है, इनमें मूल्यवर्द्घित उत्पादों के निर्माण की अपार संभावनाएं हैं। कुल मिलाकर गुजरात ने देश के अन्य राज्यों को विकास की नई राह दिखायी है।

Courtesy : Swatantra Vaartha (Hindi Daily)

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