03 December, 2014

अयोध्‍या विवाद पर बोले हाशिम अंसारी- अब रामलला को देखना चाहता हूं आजाद

हाशि‍म अंसारी की फाइल फोटो।
लखनऊ/अयोध्‍या. अयोध्या में राम जन्‍मभूमि-बाबरी मस्जिद मामले के मुख्य मुद्दई हाशिम अंसारी ने मंगलवार को बयान देकर सबको चौंका दि‍या है। बाबरी मस्जिद मुद्दे के राजनीतिकरण से नाराज उन्होंने कहा कि‍ अब रामलला को वह आजाद देखना चाहते हैं। वह अब कि‍सी भी कीमत पर वे बाबरी मस्‍जि‍द के मुकदमे की पैरवी नहीं करेंगे। छह दिसंबर को काला दि‍वस जैसे कि‍सी भी कार्यक्रम में शामि‍ल नहीं होंगे। उन्‍होंने कहा कि रामलला तिरपाल में रहें और लोग महलों में। लोग लड्डू खाएं और रामलला इलायची दाना, यह नहीं हो सकता।

हाशिम ने कहा कि बाबरी मस्‍जि‍द की पैरवी के लि‍ए एक्शन कमेटी बनी थी, लेकि‍न आजम खान उसके कन्वेनर (संयोजक) बना दिए गए। अब सियासी फायदा उठाने के लिए वे मुलायम के साथ चले गए। एक्शन कमेटी के जितने लीडर थे, उनको पीछे छोड़ दिया। हाशि‍म ने कहा, "मुकदमा हम लड़ें और राजनीति का फायदा आजम खान उठाएं। इसलिए मैं अब बाबरी मस्जिद मुकदमे की पैरवी नहीं करूंगा। इसकी पैरवी आजम खान करें।"

चित्रकूट में मंदिर के दर्शन करने वाले आजम अयोध्‍या क्‍यों नहीं आते

हाशिम अंसारी यही नहीं रुके, उन्होंने आगे कहा कि‍ आजम खान चित्रकूट में छह मंदिरों का दर्शन कर सकते हैं, तो अयोध्या दर्शन करने क्यों नहीं आते। उन्‍होंने कहा, "बाबरी मस्जिद हो या राम जन्मभूमि, यह राजनीति का अखाड़ा है। मैं हिंदुओं या मुसलमानों को बेवकूफ बनाना नहीं चाहता। मेरे हक़ में फैसला हुआ है। अब हम किसी कीमत पर बाबरी मस्जिद मुकदमे की पैरवी नहीं करेंगे। छह दिसंबर को मुझे कोई कार्यक्रम नहीं करना है, बल्कि अपना दरवाजा बंद करके अंदर रहना है।"

नेता मस्‍जि‍द का नाम लेकर अपनी रोटि‍यां सेंक रहे हैं

हाशि‍म अंसारी से dainikbhaskar.com ने पूछा कि आपने जो सुलह-समझौते की कोशिश की थी, उसके बारे में क्‍या कहेंगे? जवाब में उन्‍होंने कहा कि‍ जब कोशिश की थी, उसी समय हिंदू महासभा सुप्रीम कोर्ट चली गई। परिषद के अध्यक्ष बाबा ज्ञान दास ने पूरी कोशिश की थी कि हिंदुओं और मुसलमानों को इकट्ठा करके मामले को सुलझाया जाए। उन्‍होंने कहा कि‍ बाबरी मस्जिद का मुकदमा 1950 से चल रहा है। सारे नेता चाहे वह हिंदू हो या मुसलमान, मस्जिद का नाम लेकर अपनी रोटियां सेंक रहे हैं।

उन्होंने साफ कहा, "जितने भी नेता हैं सब कोठियों में रह रहे हैं और रामलला तिरपाल में रह रहे हैं। मैं रामलला को तिरपाल में देखना नहीं चाहता। खुद तो 100 रुपए किलो की बढ़िया मिठाई खा रहे हैं और रामलला इलायची दाना खा रहे हैं, यह नहीं हो होगा। अब हम रामलला को हर कीमत पर आजाद देखना चाहते हैं। अब मुकदमे की कार्रवाई आजम खान करें, मुझको नहीं करना।"

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Courtesy : Dainik Bhaskar

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