पुणे (विसंकें). राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सरसंघचालक डॉ. मोहन भागवत जी
ने कहा कि हमारी परंपरा शिवत्व की है, जिसे शक्ति का साथ मिले तो विश्व में
हमें हमारी पहचान मिलेगी. चरित्र ही हमारी शक्ति है. शीलयुक्त शक्ति के
बिना विश्व में कोई कीमत नहीं है. इस महत्तम उद्देश्य के लिए ही शिवशक्ति
संगम अर्थात् सज्जनों की शक्ति के प्रदर्शन की आवश्यकता है. सरसंघचालक जी
राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ पश्चिम महाराष्ट्र प्रांत की ओर से रविवार को पुणे
के पास जांभे, मारुंजी एवं नेरे गांवों की सीमा पर आयोजित शिवशक्ति संगम
के महासांघिक में संबोधित कर रहे थे. पश्चिम क्षेत्र संघचालक डॉ. जयंतीभाई
भाडेसिया, प्रांत संघचालक नानासाहेब जाधव, प्रांत कार्यवाह विनायकराव थोरात
मंच पर उपस्थित थे.
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